Thursday, 8 March 2012

पत्नी के साथ मधुर सम्बन्ध रखें

पत्नी के साथ मधुर सम्बन्ध रखें  
मैने अनुभव से जाना है कि पति दो तरह के होते हैं - ( १ ) गनेशजी तथा ( २ ) गोबर गनेश . गणेश जी के समान पति उच्च विचार रखते हैं ( बड़ा सिर), अधिक सुनते हैं ( बड़े कान ), कम बोलते हैं ( छोटा मुह ), अधिक एकाग्रचित (छोटी आंखे ) होते हैं ,'धन्यवाद ' ( लड्डू ), ईमानदार ( कमल का फूल ) होते हैं ; मधुर शब्दों का इस्तेमाल करते है ( सुगंध ), धैर्यवान ( आशीर्वाद की मुद्रा मे हाथ ) होते हैं . जो व्यक्ति ऐसे गुणों से सम्पन्न नहीं होते हैं या कोई भी गुण नहीं रखते हैं ,वे गोबर गणेश होते हैं . इसलिए , हमें कुछ अच्छी आदतें विकसित करनी हैं ,अभी बहुत देर नहीं हुआ है .

अनेक पति महसूस करते है की पत्नी को खुश रखना  लगभग नामुमकिन है . उनके इस रवैये से मैं सहमत हूँ . शायद शादी के पहले तीन वर्षों में पत्नी को खुश रखना संभव है . निश्चित रूप से इसका सरल समाधान है तथा इसका आसानी से पालन किया जा सकता है . यद्यपि मैं यह महसूस करता हूँ कि परम शक्ति ने जान बुझ कर इसके खिलाफ हमारे मन को प्रोग्राम किया है .

पत्नी को प्रसन्न रखने के लिए कुछ सूत्र :-
1 .सबसे पहले जो वह कहती हैं , वही करें . हर सुबह अपनी पत्नी से पूछें कि क्या कोई ऐसा काम है , जो वह आपसे करवाना चाहती हैं ? यह जाहिर करें कि आप उनका ध्यान रखते हैं . यह बहुत आसान है . समझ -बूझ से काम लें . आपकी पत्नी कि नजर में अपने बिजीनेस के सिलसिले में किसी ग्राहक से मिलने के बजाय अपनी बेटी के स्कूल कि अध्यापिका से मिलना ज्यादा जरुरी है .

२. अपनी गलतियों को मान लें . अपनी गलती पर माफी मांगना या सॉरी कहना सीखें .यदि आपकी गलती नहीं है , तब भी सॉरी कहने से आप छोटे नहीं हो जाते . यदि आप सोचते है कि वह 70 % गलत है ,तब भी सॉरी कहने से क्या फर्क पड़ता है . इस भद्र व्यवहार से आपके संबंधों में मिठाश बढेगी .

3 . मुस्कुराएँ, हसें सारी दुनिया आपके साथ हसेंगी, लेकिन आपको रोना अकेले पड़ेगा. हम इसलिए नहीं मुस्कुराते ,क्योंकि हम खुश हैं ; बल्कि हम इसलिए खुश हैं ,क्योकि हम मुस्कुराते हैं . हमारे पास जो कुछ हैं, उसके बारे में सोचें . हमें जीवन में जो सुख आराम मिला है , उसके लिए हमें इश्वर का आभारी होना चाहिए . सोचें, आभार व्यक्त करें  और मुस्कुराएँ . ऊचें स्वर में शाबाशी दे . जब हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हों तब भी मुस्कुराएँ !

4 . जल्दी निर्णय लें . उदहारण के लिए , मेरी पत्नी की रोज -रोज की समस्या यह है कि वह रोज मुझसे पूछती है कि " आज डिनर में क्या बनाऊं  या कौन सी साड़ी पहनूं ?" पहले में अक्सर कहता था कि " तुम मुझे क्यों परेशां करती हो ?" वह परेशां हो जाती . वक्त ने मुझे अधिक बुद्धिमान बना दिया . अब , जब भी वह मुझसे यह सवाल करती हैं ," आज डिनर में क्या बनाऊं ?" या ऐसे ही फिजूल के सवाल पूछती है ,जो शायद उसके लिए खास हैं तो मैं यह पूछता हूँ ," मैडम ,आप बताएं कि आप क्या बना सकती हैं ?" और वह कुछ चीजों के नाम लेतीं  तथा मैं ही कुछ चीजें चुन लेता हूँ . अधिकान्स्तः इस तकनीक का असर हुआ . निर्णय लेना बहुत मुश्किल काम है .

5 . सेब से सीखें :- क्या आपने हर तरह से परिपूर्ण सेब देखा है ? इसी तरह से आपको सर्वगुण - सम्पन्न पत्नी नहीं मिल सकती ! पत्नी की कमियों पर ध्यान देने के बजाय उसके गुणों की सराहना करें. हो सकता है कि आपको ऐसा सेब मिले , जो देखने में बहुत बडियां है. लेकिन जब तक उसे काटते नहीं तब तक सेब के बारे में कुछ नहीं कह सकते . हो सकता है भीतर से सेब सडा निकले . हम आसानी से एक दो जगह से दागी सेब चुन सकते हैं और बाद में वे दाग चाकू से हटा देते हैं , न कि हम ऐसा सेब धुंडते रहते है, जो भीतर या बाहर से बेदाग हो. मैं आपको केवल यही बताना चाहता हूँ कि आपको हर दृष्टि से एक उत्तम सेब नहीं मिल सकता . इसी तरह यह संभव नहीं है कि किसी पुरुष को सर्वगुण सम्पन्न पत्नी मिलेगी या महिला को सर्वगुण सम्पन्न पति मिलेगा . आप अपने 'मानसिक चाकू ' से  पत्नी कि बुराइयों को हटा दें , उसके 96 % गुणों पर ध्यान दें .  

6 . अपनी पत्नी को प्रोत्साहित करें . उसे अपने गुणों कि विकसित करने का मौका दें . उसे अपनी छिपी प्रतिभा को पहचानने दें . कुछ मामलों में यह वाश्त्विक नहीं लगता , लेकिन यह संभव है . इसका बहुत अच्छा अंजाम निकलेगा . उसे समाज सेवा करने के लिए प्रोत्शाहित करें . उसकी सफलता का आनंद उठाएं . कोशिश करके देखें .

7 . जब आपकी पत्नी चिल्लाये उस समय शांत रहें . वह जानती है कि दुनिया में आप ही अकेले इंसान हैं , जो उसकी बात सुन लेते हैं . यह आधुनिक जीवन का हिस्सा है . आप उसका ' पंचिंग बैग ' बनें . अंततः वह आपकी सौभाग्यवती जीवन - संगिनी बनेगी . 

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